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वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र पर भी काफी बल दिया गया है।

आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। जिसमें कई घोषणाएं की गईं, इस बजट में सभी का ध्यान रखने की कोशिश की गई है। कृषि क्षेत्र पर भी बजट में काफी फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेयरी किसानों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनेगा।  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि 11.8 करोड़ किसानों को सरकारी मदद दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के माध्यम से करोड़ों किसानों को रकम सीधी ट्रांसफर की जा रही है। पीएम किसान योजना का देशभर के अन्नदाता लाभ पा रहा हैं। साथ ही पीएम फसल योजना का लाभ चार करोड़ किसानों को दिया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र की ग्रोथ घटकर केवल 1.2 फीसदी हो गई है। इस कारण से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के यूनियन बजट में कई उपायों का ऐलान किया है, जिससे कृषि क्षेत्र की उन्नति व विकास को बढ़ाया जा सके।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश कर रहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार के मौके बढ़ते जा रहे हैं। हमारी सरकार सर्वसमावेशी विकास कर रहे हैं। साल 2047 तक भारत एक विकसित राज्य बन जाएगा।

बजट में की गईं निम्नलिखित बड़ी घोषणाऐं 

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बार टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले की तरह आयकर सीमा 7 लाख बनी रहेगी, जिससे नौकरीपेशा को कोई फायदा नहीं होगा।

फ्री बिजली का एलान: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एलान करते हुए कहा कि आने वाले समय में रूफटॉप सोलराइजेशन से 1 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे मासिक 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 15,000 से 18,000 रुपये तक की बचत होने की उम्मीद है।

हाउसिंग स्कीम लाएगी सरकार: वित्त मंत्री ने हर गरीब को घर देने का एलान किया है। सीतारमण ने कहा कि किराए के मकानों, झुग्गियों या अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपना घर खरीदने के लिए सरकार नई हाउसिंग स्कीम लाएगी।

4 करोड़ मकानों का लक्ष्य होगा पूराः वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हर गरीब को घर देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार 2 करोड़ घर गरीबों को सौंप चुकी है और 4 करोड़ घरों का लक्ष्य प्राप्त करने के नजदीक है। सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने 70 फीसद महिलाओं को घर देने का काम किया है।

मेडिकल कॉलेजों का होगा विस्तार: सीतारमण ने कहा कि सरकार मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण अभियान: सरकार सर्वाइकल कैंसर का खात्मा करने के लिए 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहित देगी।

आयुष्मान भारत का विस्तार: सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य देखभाल कवर का विस्तार हुआ है।

रक्षा खर्च बढ़ाः वित्त मंत्री ने कहा सरकार ने रक्षा खर्च को 11.1 फीसद तक बढ़ाया है, यह GDP का 3.4 फीसद होगा।

रेल होगी अपग्रेडः वंदेभारत स्तर के 40 हजार रेल डिब्बे बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादा भीड़ वाले रेल मार्गों के लिए 3 अलग कॉरिडोर बनाएं जाएंगे।

महिलाएं बनीं लखपतिः वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है और अभी तक एक करोड़ को लखपति बना दिया है।

MSP को छोड़ बहुत कुछ है किसानों के लिए इस बजट में

MSP को छोड़ बहुत कुछ है किसानों के लिए इस बजट में

अब गंगा के पांच किलोमीटर इलाके में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा 2025 तक देश के सभी गांवों को आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा ड्रोन के इस्तेमाल से खेती कराने की पेशकश, किसानों को फायदा होने का दावा कृषि विश्वविद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहन टिकैत ने कहा, MSP पर तो कुछ बोला ही नहीं

कृषि विशेषज्ञ मानते हैं, खेती के लिए बेहतरीन बजट

मंगलवार को 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को लेकर कई बातें कीं। वैसे, माना यह जा रहा था कि 13 महीनों तक किसानों के विरोध के बाद सरकार दो कदम आगे बढ़ कर MSP पर कोई फैसला करेगी लेकिन इस पर कुछ हुआ नहीं। माना जा रहा था कि MSP बढ़ाई जाएगी और किसानों का दिल जीतने की कोशिश होगी। इसके पीछे बड़ा कारण यह माना जा रहा था कि पांच राज्यों में चुनाव हैं। सो, वित्त मंत्री किसानों के लिए MSP बढ़ाने की घोषणा करेंगी। लेकिन, ऐसा हो न सका। पूरे
बजट में MSP बढ़ाने को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। हां, यह जरूर बताया गया कि किसानों को MSP के मद में 2.37 लाख करोड़ रुपये देने का इरादा है।

किसानों के लिए बहुत कुछ है इस बजट में

लेकिन, इसका अर्थ यह भी नहीं हुआ कि किसानों के खाते में इस बार वित्तमंत्री ने कुछ भी नहीं दिया। किसानों की झोली दूसरे तरीकों से भरने की कोशिश की गई है। इसमें बड़ा तथ्य है 2.37 लाख करोड़ रुपये MSP  में खर्च करने की योजना। यह धनराशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी, फसल के एवज में।

ड्रोन की मदद से खेती

kisan drones गौर से देखें तो खेती-बाड़ी करने वालों के लिए इस बजट में ऐसी बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं जिन पर अमल करके वे काफी आगे बढ़ सकते हैं। जैसे, अब खेती में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। वित्त मंत्री की यह मान्यता रही है कि अगर ड्रोन आधारित खेती हुई तो निश्चित तौर पर किसानों का वक्त बचेगा और खेती की जो एक्यूरेसी है, वह बढ़ेगी। मतलब यह हुआ कि अब ड्रोन की मदद से किसान कम समय में ही यह जान सकेंगे कि उनकी फसलों की स्थिति क्या है और यह भी कि फसलों को दवा कब देनी है, कितनी देनी है, उसकी एक्यूरेसी क्या होनी चाहिए, यह सब ड्रोन की मदद से बेहद आसानी के साथ किया जाएगा।

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कृषि विश्वविद्यालय खोलने को राज्यों को प्रोत्साहन

agricultural university इसके साथ ही वित्तमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया है। पिछले बजट में भी उन्होंने कहा था कि जब तक किसानी को पढ़ाई से नहीं जोड़ा जाएगा, किसानों को शिक्षित नहीं किया जाएगा, तब तक किसानों की आय बढ़ नहीं सकती। पिछले साल का संकल्प इस साल पूरा करते हुए उन्होंने कई कृषि विश्वविद्यालय खोलने की बातें अपने बजट भाषण में कही हैं। माना जाता है कि जब ये कृषि विश्वविद्यालय खुल जाएंगे तो किसानों को जमीन की उर्वरकता, खेती के तौर-तरीके आदि को आधुनिक रूप में समझने में बेहद मदद मिलेगी। वित्त मंत्री का कृषि विश्वविद्यालयों पर जोर इस बात का भी संकेतक है कि वह किसानों को खेती-बाड़ी की पढ़ाई करती हुई देखना चाहती हैं। यह जरूरी भी है।

आर्गेनिक खेती (Organic Farming) पर जोर

organic farming इस बजट में एक बड़ी बात आर्गेनिक खेती को लेकर भी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा है कि अभी पहले चरण में गंगा नदी के पांच किलोमीटर के इलाके में आर्गेनिक खेती की जाएगी। इससे आर्गेनिक खेती को तो बढ़ावा मिलेगा ही, जो पैदावार होगी, वह आम लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी। आर्गेनिक खेती में किसी भी किस्म का रसायन इस्तेमाल नहीं होता। इस किस्म की खेती को जीरो बजट खेती भी कहते हैं जिसे कई प्रदेशों के राज्यपाल रहे आचार्य वेदव्रत ने जबरदस्त तरीके से आगे बढ़ाया। माना जा रहा है कि आर्गेनिक खेती का मूल कांसेप्ट उन्हीं का है जिससे प्रधानमंत्री भी सहमत थे। वही चीज आज के बजट में भी प्रभावी तरीके से सामने आई है।

बेतवा परियोजना

Betwa Project इस बजट में अनेक नदियों के किनारे विभिन्न किस्म की परियोजनाओं को भी शुरू करने की बात कही गई है। मध्य प्रदेश के बेतवा परियोजना के लिए 44650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मकसद यह है कि देश भर के करीब 10 लाख हेक्टेयर भूमि को खेती योग्य जल उपलब्ध हो। वित्तमंत्री ने किसानों को और राहत देने की पेशकश की है। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा है कि सरकार चाहती है कि किसानों की अधिकांश फसल वह खुद खरीद ले ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्ष 2022-23 तक केंद्र सरकार किसानों से 1000 एमएलटी धान की फसल खरीदे।

एग्रो फारेस्ट्री

agro factory इस बजट में एग्रो फारेस्ट्री को लेकर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाला वक्त एग्रो फारेस्ट्री का है। जो भी किसान इस क्षेत्र में आना चाहें, सरकार उनकी मदद करेगी। पैसे देगी। उन्हें अन्य तरीकों से भी सहयोग करेगी। सब्सिडी देने की बात चल रही है।

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हर गांव में 2025 तक आप्टिकल फाइबर का जाल

village Technology कृषि से ही जुड़े ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी इस बजट में काफी बातें कही गई हैं। उनमें अहम है, देश भर के सभी गांवों में 2025 तक आप्टिकल फाइबर बिछा देना। वित्त मंत्री ने कहाः यह बेहद उम्दा योजना है। हम चाहते हैं कि देश के जितने भी गांव हैं, उन सभी गांवों में आप्टिकल फाइबर बिछाया जाए ताकि हर गांव इंटरनेट से कनेक्टेड हो। उनका कहना था कि अभी इंटरनेट की कमी के कारण देश के गांवों का एक बड़ा हिस्सा तकनीकी ज्ञान और कृषि संबंधी जानकारियों सहित अनेक फायदों और सुविधाओं से अनभिज्ञ रह जाता है। केंद्र सरकार चाहती है कि कृष् और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में काम हो और तेजी से हो। हमें पूरा विश्वास है कि देश के सभी गांव 2025 तक इंटरनेट की सुविधा से युक्त हो जाएंगे। एक बार जब वह इंटरनेट की सुविधा से जुड़ जाएंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प होने में बहुत वक्त नहीं लगेगा।

केसीसी पर कोई चर्चा नहीं

वैसे, इस बजट से किसान यह उम्मीद लगा रहे थे कि केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की क्रेडिट क्षमता बढ़ा दी जाएगी लेकिन फिलहाल इस पर बजट में कोई चर्चा नहीं हुई। इससे किसानों में थोड़ी मायूसी देखी गई।

प्रतिक्रियाएं

सरकार जब तक MSP  गारंटी कानून नहीं बताती, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। इस बजट में MSP  गारंटी कानून की कोई बात ही नहीं कही गई। -राकेश टिकैत, किसान नेता यह बजट भविष्य का बजट है। यह एग्रीकल्चर सेक्टर को पूरी तरह बदल कर रख देगा। इस बजट की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें कृषि क्षेत्र में पढ़ाई को लेकर गंभीरता दिखाई गई है। यह अच्छी बात है। आप जब पढ़-लिख कर खेती करेंगे तो निश्चित तौर पर आप बढ़िया से खेती करेंगे, बढ़िया आमदनी होगी आपकी। आप सोचिए कि सरकार 2025 तक किसानों को हर गांव में आप्टिकल फाइबर तकनीक देने जा रही है। इसका सीधा असर किसानों, उन्के बच्चों या यूं कहें कि पूरे परिवार, पूरे इलाके में होगा। यह किसानों के लिए अब तक का बेहतरीन बजट है। -प्रोफेसर सीएन बी शर्मा, कृषि अर्थशास्त्री
सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास

सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास

यूनियन बजट 2023 में कृषि क्षेत्र एवं किसानों हेतु बेहद खास रहा है। एग्री क्रेडिट, डिजिटल तकनीक से खेती, ग्रीन एग्रीकल्चर, मिलेट, पशुपालन, मछली पालन, सहकार से समृद्धि, आदि पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है। भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा आम बजट-2023 प्रतुस्त किया गया है। वित्त मंत्री द्वारा साल 2023 के बजट में किसानों का विशेष तौर पर ख्याल किया गया है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। किसान समृद्धि योजना के उपरांत इस वर्ष सरकार ने विभिन्न अन्य योजनाएं चालू करने की घोषणा की है। सरकार द्वारा पशुपालकों एवं मछली पालन करने वाले किसानों के लिए भी कई कदम उठाए हैं। आम बजट को प्रस्तुत करते हुए भाषण के समय वित्त मंत्री द्वारा घोषणा की गई है, कि किसानों हेतु सहकार से समृद्धि आयोजन चलाया जाएगा।
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इसके माध्यम से 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटर आधारित बनाया जाना है। इसकी सहायता से किसानों को समृद्ध बनाने में सहायता प्राप्त होगी। इसके साथ ही घोषणा की गई है, कि मछली पालन एवं पशुपालन के क्षेत्र में कर्ज देना तीव्रता से किया जाएगा। मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना को जारी करने का निर्णय भी लिया गया है। साथ ही, सरकार द्वारा डिजिटल तकनीक के जरिए खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय किया गया है।
  • साल 2023 के कृषि बजट में कृषि क्षेत्र एवं किसानों हेतु बेहद अच्छा है।
  • सरकार ने कृषि स्टार्टअप हेतु 'डिजिटल एक्सीलेटर फंड' बनाएगी, जिसका कृषि निधि नाम रखा जाएगा।
  • मछली पालन हेतु सब-स्कीम के निर्धारित 6,000 करोड़ की धनराशि आंबटित की गई है।
  • कृषि क्रेडिट में वृद्धि कर 20 लाख करोड़ तक किया जाएगा।
  • निर्मला सीतारमण का कहना है, कि सरकार मोटे अनाज को प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए श्री अन्न योजना भी जारी की जा रही है।
  • बागवानी पैदावार की वृद्धि हेतु 2,200 करोड़ रुपए की धनराशि को आंबटित किया गया है।
  • खेती में डिजिटल बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित किया जाएगा। खेती-किसानी में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्राथमिकता मिलेगी।
  • भारत बनेगा ग्लोबल हब फॉर मिलेट
  • पोषक तत्व, खाद्यान सुरक्षा एवं किसानों की योजना हेतु मिलेट्स आयोजन किये जा रहे हैं।
  • कुंगनी, कुट्टू, श्रीअन्ना राड़ी, श्रीअन्ना बाजरा, श्रीअन्ना रामदाना समस्त किस्में स्वास्थ्य में लाभकारी हैं।
  • मिलेट्स में किसानों को बेहद सहायता प्रदान की जाएगी।
  • श्रीअन्ना का हब निर्मित करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • श्रीअन्ना की पैदावार हेतु हैदराबाद के शोध संस्थानों से बेहद सहायता प्राप्त हो रही है।

सरकार "सहकार से समृद्धि" कार्यक्रम चलाएगी

सरकार द्वारा किसानों के लिए सहकार से समृद्धि कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटर आधारित किया जाना है। इसकी सहायता से किसानों को समृद्ध बनाने में सहायता प्राप्त होगी। मछलीपालन, पशुपालन की दिशा में कर्ज उपलब्ध कराने की गति तीव्र की जाएगी। मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को प्रोत्साहन दिया जाना है। मत्स्य पालन हेतु कोरपोरेट सोसायटी की संख्या में वृद्धि की जाएंगी।

प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा

आगामी तीन वर्ष में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती हेतु बढ़ावा दिया जाना है। 10 हजार बायो इनपुट शोध केंद्र बनाए जाएंगे। इसके लिए सूक्ष्म उर्वरकों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मिस्ट्री (मैन ग्रीन प्लांटेशन) पर अधिक बल दिया जाना है।
बजट देख किसानों का फूटा गुस्सा, किसानों ने कहा सरकार की कथनी और करनी अलग हैं

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भारत सरकार की तरफ से केंद्रीय वित्त मंत्री माननीय निर्मला सीतारमण जी ने वित्त वर्ष 23 का बजट पेश कर दिया है। किसानों के लिए इस बजट में विभिन्न योजनाएं जारी करने का ऐलान किया गया है। किसान भाइयों को सरकार से बेहद उम्मीद थी, कि उनके लिए इस बजट में बहुत कुछ मिलेगा। लेकिन केंद्र इस वजट में लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कोई खास प्रावधान देखने को नहीं मिल रहा है। कुछ किसानों का कहना है, कि उनकी किसान सम्मान निधि की सहायता राशि में वृद्धि होने की आशा थी। परंतु, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अगर हम बजट को देखें तो इसमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान भाइयों का कहना है, यदि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ रुझान करें तो उनको कम उत्पादन मिलेगा। जिससे उनकी आमदनी भी कम होगी। किसान भाई इस वजट से नाखुश दिखाई दे रहे हैं। सरकार ने बजट में मछली पालन और पशुपालन के लिए प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। इस संबंध में किसानों का कहना है, कि उनको पशुपालन में प्रोत्साहन मिलने से काफी राहत मिलेगी। लेकिन मछली पालन से लघु एवं सीमांत किसान इस योजना का लाभ लेने में असमर्थ हैं। छोटे किसानों के लिए सरकार ने उर्वरक एवं खाद बीज पर कोई रिहायत नहीं दी है।
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पिछले एक साल से किसानों को सूखा, बाढ़ और बरसात जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने काफी प्रभावित किया है। अब यदि ऐसे में किसान प्राकृतिक खेती करते हैं, तो उनको अच्छा उत्पादन मिलने की बेहद कम संभावना होगी। इस वजट में किसान भाईयों की फसल पर कोई भी न्यूनतम समर्थन MSP मूल्य की बात नहीं की गई है। भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की निरंतर बात करती रहती है। लेकिन सरकार के बजट को बारीकी से देखा जाए तो छोटे और सीमांत किसानों के लिए बजट में कुछ खास देखने को नहीं मिल रहा है। merikheti.com ने बजट के बारे में किसानों की राय ली है जो कि उपरोक्त में आप देख चुके हैं। सरकार द्वारा जारी बजट में किसानों के लिए जो भी योजनाएं हैं। उन सबके बारे में Merikheti ने इस लेख में स्पष्ट कर दिया है। बजट आने के बाद किसानों से हुई वार्ता में किसान भाईयों ने अपनी जो प्रतिक्रिया दी हैं। वह काफी चौंकाने वाली हैं। किसानों ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा है कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का केवल नाटक करती है। बाकी धरातल पर ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है।
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सरकार इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस मनाने जा रही है, जिसके अंतर्गत बाजरा की पैदावार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकार की इस पहल से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। इससे बाजरे की फसल का रकबा और माँग दोनों बढ़ेंगी। इसके अतिरिक्त बजट में किसानों के लिए क्या फायदा है। इस बात को देखने के लिए सालभर प्रयास जारी रहेगा।
कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

यदि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र हैं। तो ऐसे में आपके लिए एक बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव देश के 8 करोड़ से अधिक किसानों के ऊपर पड़ेगा। भारत सरकार शीघ्र ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित करने वाली है। अब ऐसे में योजना की 14वीं किस्त को जारी करने से पूर्व सरकार ने कुछ जरूरी बदलाव योजना के अंदर किए हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी स्टेटस देखने का ढ़ंग पूर्णतय बदल गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने पीएम किसान मोबाइल एप भी जारी किया है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने का तरीका फिलहाल परिवर्तित हो चुका है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने के लिए आपको फिलहाल रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता पड़ेगी।

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल ऐप जारी किया

साथ ही, फर्जीवाड़े की रोकथाम करने के मकसद से केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल एप को भी जारी किया है। इस ऐप की विशेष बात यह है, कि यह फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक से युक्त है।

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अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया
जानकारी के लिए बतादें कि इस एप की सहायता से किसान बड़ी सहजता से फेस ऑथेंटिकेशन की मदद से अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं। अब ऐसी स्थिति में उनको वन टाइम पासवर्ड एवं फिंगरप्रिंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

15 जुलाई से पहले आ सकती है 14वीं किस्त

भारत सरकार की तरफ से अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। अब ऐसी स्थिति में देशभर में करोड़ों किसान इस स्कीम की 14वीं किस्त का बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, तो भारत सरकार 15 जुलाई से पूर्व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित कर सकती है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसको लेकर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।